शिक्षा में नवाचार व तकनीक का प्रयोग जरूरी

शिक्षा में नवाचार व तकनीक का प्रयोग जरूरी


टीडी पीजी कॉलेज में शिक्षक शिक्षा विभाग के तत्वावधान में शनिवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हुई। बलरामपुर हाल में शुरू संगोष्ठी में शिक्षा में नवाचार और तकनीक के प्रयोग को जरूरी बताया गया। इससे पहले उद्घाटन जगदगुरु रामभद्राचार्य दिवयांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट के कुलपति प्रो.योगेश चन्द्र दुबे ने दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। कुलपति प्रो.योगेश चन्द्र दुबे ने कहा कि शिक्षा से ही सामाजिक परिवर्तन संभव है। शिक्षा में नवाचार और नई विधाओं-तकनीकों का प्रयोग जरूरी है। स्टेट इनफार्मेशन कमिश्नर सुभाष चन्द्र सिंह ने कहा कि शिक्षा उत्पाद नहीं है। उसे बाजार के हवाले नहीं किया जाना चाहिए अन्यथा विदेशियों को महान बनाने की परंपरा चलती रहेगी। उन्होंने सूचना व तकनीकी के बारे में जानकारी को जरूरी बताया। उच्च शिक्षा आयोग के सदस्य प्रो.आरएन त्रिपाठी ने कहा कि जीवन में सबके लिए आवश्यक है कि जो परिवर्तन हो रहे हैं उस पर वे ध्यान दें और उसे लागू करें। बीएचयू में इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर आशुतोष मोहन ने बतौर मुख्य अतिथि रूस, अमेरिका और यूरोपियन देशों के अनुभव साझा किए। उन्होंने सामाजिक गतिविधियों सहित विश्व में तकनीक के बढ़ते प्रयोग को आत्मसात करने पर बल दिया। अतिथियों का स्वागत शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डा.समर बहादुर सिंह ने किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कालेज के प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने की। आयोजन सचिव डा. सुधांशु सिन्हा ने तकनीकी पहलुओं, नवाचार के बारे में अवगत कराया। संगोष्ठी के संयोजक डा.अजय कुमार दुबे ने बताया कि विभिन्न तकनीकी सत्र में बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखंड, राजस्थान से लगभग 200 शोधार्थियों एवं शिक्षकों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किया। आभार ज्ञापन प्राचार्य डा.विनोद कुमार सिंह ने व्यक्त किया। संगोष्ठी में डा.जयप्रकाश सिंह डा.विनय कुमार सिंह, डा.अरुण कुमार चतुर्वेदी, डा.रीता सिंह, डा.श्रद्धा सिंह, डा.गीता सिंह, डा.अरविन्द सिंह, डा.हरिओम त्रिपाठी, सीमांत राय, वैभव सिंह ने सहयोग किया।